NEELAM GUPTA

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लेखनी प्रतियोगिता -09-Dec-2021 कुछ दिन का बसेरा

शाम गहराई हुई थी। तभी मम्मी मम्मी मै अपनी ज्वैलरी तो रखना भूल गयी ।बताओ न कहाँ रखी है।पढनें जा रही है वहाँ या सज सवर कर फैशन शो करने।अंजलि ने अपनी बेटी पर व्यंग कसते हुए कहा ।"ओह हो माँ आप भी आप ही रहोगी "वहाँ पढाई के साथ बहुत इवेंट भी होते हैं। खुब सारी पार्टी। बहुत मज़ा आता है।

तुम वहां जाकर खुब मज़े करना हमारा क्या है। तूझे याद करके बहाते रहंगे आँसु। कहते कहतें अंजलि पुरानी यादों में चली गयी। ऐसा लगता है अभी तो छोटी गुड़िया सी मेरी बाहों मे खेलती थी।दिन भर कभी मेरे पीछे कभी पापा,दादा जी पीछे अपनी जिद लिए घूमती रहती थी।और बाद में अपनी दादी की लाडली ,अपनी जिद मनवा के छोड़ती थी।कितनी बदमाश थी तु ,चेहरे पर भोलापन और आँखो मे शरारत भरी रहती थी। और जब चोटी बनाने को कहो,  मुझसे दूर हाथ छुड़ाकर भाग जाती थी।पूरे दिन बाल खोलकर घूमती थी और डांट मुझे पढती तुम ठीक से मेरी बिटिया का ध्यान नहीं रखती हो।और आज कितनी मैच्योर हो गई है।हम सब की दादी माँ। लेकिन हुक्म चलाना अभी भी न छोड़ा है ।

ऐसा लगता है एकदम से बड़ी हो गई। स्कूल से कालिज अभी तो कम्प्लीट किया था। कालिज से ही प्लेसमेंट मे सिलेक्ट हो कर जाबॅ कर उन्मुक्त उड़ान उडने लगी।
समय भी पंख लगा कर कहाँ उड़ गया , पता ही नहीं चला।
एक दिन मुझ से बोली मम्मी मुझे एम बी ए करना है। हमने भी कहा बेटा जितना चाहे पढ़ो यही तो समय हैं। कि अपने जीवन में आगे बढ़ने का फिर तो समय के साथ बहुत सारी जिम्मेदारियाॅ बढ़ जाती है।
विदू ने केट के पेपर की तैयारी शुरू कर दी। अरे विदू मेरी वेदही मेरी बेटी का नाम प्यार से उसे सब विदू बुलाते है। कितनी बार कहती मेरे दोस्तों के सामने मुझे वेदही बुलाया करों।नही तो सब मेरा मजाक बनाते है।

मम्मी मेरी मदद करों ना ,कहाँ गयी मैं एक दम से गहरी नींद से जागी।हाँ बेटा और क्या चाहिए  ।
पहली बार हमसे इतनी दूर जा रही है। पास से ही कर लेती तो कभी भी तुझसे मिलने आ जाते। ना जाने कब तेरी छुट्टी होगी।तुझे भी तो इतनी दूर जा कर पढ़ना था ।
तुझै अपने से दूर करने के लिए, मैं तो नहीं मानती लेकिन तेरा भविष्य सँवर जाएगा। ये मेरे लिए जरूरी है।और तुने भी सबसे अपनी बात मनवा ही ली। दिल पर पत्थर रख मैने भी हामी भर दी।दो साल वहां रहेगी। फिर इस घर तुझको कितना आना है।फिर जाबॅ फिर शादी।
यहाँ तो बस अब तेरा कुछ दिन  का बसेरा  है ।बैठ हवाई जहाज में तु उड़ान भरेगी नये सपनों की।छोड़ जाएगी अपनी यादें और अपनी मुस्कान। तेरे बगैर सब कितना ख़ाली ख़ाली हो जाएगा। क्यु हो जाए का खाली और तो सब हैं ना ।विदू ने मुझे छेड़ेते हुए कहा। तुम्हे बिजी रखने के लिए।एक बस मै ही तो जा रही हूँ,आप से दूर ,आपके हाथ से बने खाने की खुशबु लेकर,आपके प्यार की गर्माहट का एहसास लेकर ।जो कभी नहीं भूलूगी ।

इसी बात को करते करते दोनों की ऑखे झलक आई। वेदही,अंजलि को संभालते हुए बोलीं, ऊफ "मम्मी आप तो आप ही रहोगी"। आप से रोज विडियो काल करूँगी। वहाँ मेरा अपना कौन होगा तुम सबकी बहुत याद आएगी।

बस बस रहने दे वहां जाते ही तेरे  दोस्तों की लाईन लग जाएगी। अपने दोस्तों से गप्पे हाँकने के बाद जब समय होगा, तब ही तो याद करेगी। इसी तंज में अपनी बात पूरी कर दोनों अपनी भीगी पलकें लिए आपस में गले मिलकर हंसने लगीं।

नीलम गुप्ता नजरिया दिल्ली।


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14 Comments

Barsha🖤👑

10-Dec-2021 08:16 PM

Nice

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🤫

10-Dec-2021 06:28 PM

बहुत बढ़िया

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Raghuveer Sharma

09-Dec-2021 11:45 PM

बहुत ही खूबसूरत रचना👌

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